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रूपरेखा : प्रस्तावना - रक्तदान क्या होता है - ब्लड ट्रांसफ्यूजन या खून चढ़ाना क्या होता है - रक्तदान को लेकर क्या है ग़लतफहमी - रक्तदान करने के फायदे - रक्तदान करने के नुकसान - भारत में रक्तदान की स्थिति - विश्व रक्तदान दिवस - रक्तदान दिवस 14 जून को ही क्यों मनाया जाता है - रक्तदान का महत्व - रक्तदान का उद्देश्य - रक्तदान दिवस की थीम - उपसंहार।
परिचय / रक्तदान की प्रस्तावना / रक्तदान अथवा रक्त दाता के बारे में जानकारी-रक्तदान तब होता है जब एक स्वस्थ व्यक्ति स्वेच्छा से अपना रक्त देता है और रक्त-आधान (ट्रांसफ्यूजन) के लिए उसका उपयोग होता है या फ्रैकशेनेशन नामक प्रक्रिया के जरिये दवा बनायी जाती है। विकसित देशों में, अधिकांश रक्तदाता अवैतनिक स्वयंसेवक होते हैं, जो सामुदायिक आपूर्ति के लिए रक्त दान करते हैं। गरीब देशों में, स्थापित आपूर्ति सीमित हैं और आमतौर पर परिवार या मित्रों के लिए आधान की जरूरत होने पर ही रक्तदाता रक्त दिया करते हैं। अनेक दाता दान के रूप में रक्त देते हैं, जो लोगों को भुगतान किया जाता है और कुछ मामलों में पैसे के बजाय काम के समय में सवैतनिक छुट्टी के रूप में प्रोत्साहन दिए जाते हैं। कोई दाता अपने भविष्य के उपयोग के लिए रक्त दान कर सकता है।
रक्तदान तब होता है जब एक स्वस्थ व्यक्ति स्वेच्छा से अपना रक्त देता है और रक्त-आधान (ट्रांसफ्यूजन) के लिए उसका उपयोग होता है या फ्रैकशेनेशन नामक प्रक्रिया के जरिये दवा बनायी जाती है। सरल शब्दों में जो व्यक्ति किसी ओर व्यक्ति की सहायता करने के लिए या फिर किसी जरूरतमंद के लिए अथवा स्वंय कर्म के लिए अपना रक्त (खून) दान करते है, ऐसे प्रक्रिया को रक्तदान कहते है। रक्तदान को रक्त दाता भी कहते हैं।
एक व्यक्ति से रक्त या रक्त के घटकों को लेकर दूसरे व्यक्ति में स्थानांतरण करना ब्लड ट्रांसफ्यूजन कहलाता है। ब्लड ट्रांसफ्यूजन (Blood Transfusion) शरीर में रक्त की आपूर्ति करने के लिए किये जाने वाली प्रक्रिया है। ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत अक्सर शरीर में रक्त की कमी होने पर पड़ती है। एक सुई या पतली ट्यूब के जारिए एक नस में ब्लड ट्रांसफर किया जाता है। यह प्रक्रिया, कितना खून चढ़ाना है इसमें लगने वाले समय को निर्धारित करता है।
रक्त दान से कितने व्यक्तियों को एक नयी जीवन मिलता है। किसी के रक्तदान करने से किसी ओर के घर में खुशी की सौगात आती है। परन्तु विश्व के इस सबसे बड़े लोकतंत्र भारत देश में अभी भी बहुत से लोग यह समझते हैं कि रक्तदान से शरीर कमज़ोर हो जाता है। रक्तदान करने से कई बीमारी होने लगती है। इतना ही नहीं यह ग़लतफहमी भी व्याप्त है कि नियमित रक्त देने से लोगों की रोग प्रतिकारक क्षमता कम होती है और उसे बीमारियां जल्दी जकड़ लेती हैं। यहाँ भ्रम इस तरह से फैला हुआ है कि लोग रक्तदान करने से पीछे हट जाते है और यहाँ तक की अपने परिजनों को भी रक्तदान ना करने की सलाह देने लगते हैं।
रक्तदान वह प्रक्रिया है जिससे हम दूसरे की जान बचाने में खुद का योगदान देते है। रक्तदान या रक्त दाता करने से जीवन में अच्छे कर्म करने का लाभ नसीब होता है। इसके अलावा रक्तदान या रक्त दाता करने से कई फायदे भी होते है। जैसे-
रक्तदान से हार्ट अटैक की आशंका कम होती है। रक्तदान से खून का थक्का नहीं जमता, खून कुछ मात्रा में पतला हो जाता है और हार्ट अटैक का खतरा कम होता है।
शरीर में ऑक्सीजन ठीक ढंग से सप्लाई होती है।
रक्तदान वज़न कम करने में भी आपकी मदद कर सकता है, इसलिए साल में कम से कम दो बार रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान करने से कैलोरी और फैट जल्दी बर्न होता है।
नियमित रुप से ब्लड डोनेट करने से आपके शरीर में आयरन का लेवल बैलेंस रहता है और साथ ही इससे हेमोक्रोमैटोसिस नामक बीमारी से बचाव होता है।
खून का दान करने से आपके शरीर से कैलोरीज़ कम होती हैं।
रक्त दान करने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है और कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम रहता है जिससे शरीर स्वस्थ रहता है।
खून डोनेट करने से लिवर से जुड़ी समस्याएं कम हो सकती हैं। शरीर में ज़्यादा आयरन होने का दबाव लिवर पर पड़ता है। वहीं, रक्तदान से आयरन की मात्रा बैलेंस हो जाती है।
खून का संचार ठीक ढंग से होता है। जिसके कारण आर्टरीज में ब्लाकेज और क्लॉटिंग में समस्या नहीं होती है। और हार्ट अटैक से बचाव होता है।
आयरन की मात्रा को बैलेंस करने से लिवर हेल्दी बनता है और कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है। जब आप रक्तदान करते है तो आपके शरीर में नए टीशूज बनते है। जिसके कारण आप कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बच सकते हैं।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि रक्त दान करके आपको मानसिक संतुष्टि मिलेगा अर्थात आपको अंदर-ही-अंदर अच्छा महसूस होगा। आपको खुद पर गर्व होगा क्योंकि आप किसी के जीवन को बचाने में अपना अहम सहयोग दे रहे हैं।
रक्तदान करने के अनेक फायदे है परन्तु इसके कारण कई नुकसान भी देखने को मिलते है। कुछ लोगों को रक्तदान करने से कुछ हल्के साइड इफेक्ट अनुभव होते हैं। ये कुछ खास हल्की प्रतिक्रियाएं हैं जो आपको रक्तदान करने के बाद हो सकती हैं :
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के तहत भारत में सालाना एक करोड़ यूनिट रक्त की ज़रूरत है लेकिन उपलब्ध 70 लाख यूनिट ही हो पाता है। यानी क़रीब 30 लाख यूनिट रक्त के अभाव में हर साल सैंकड़ों मरीज़ दम तोड़ देते हैं। राजधानी दिल्ली में आंकड़ों के मुताबिक़ यहां हर साल 350 लाख रक्त यूनिट की आवश्यकता रहती है, लेकिन स्वैच्छिक रक्तदाताओं से इसका महज 30 फीसदी ही जुट पाता है। जो हाल दिल्ली का है वही शेष भारत का है। यह अकारण नहीं कि भारत की आबादी भले ही सवा अरब पहुंच गयी हो, रक्तदाताओं का आंकड़ा कुल आबादी का एक प्रतिशत भी नहीं पहुंच पाया है। विशेषज्ञों के अनुसार भारत में कुल रक्तदान का केवल 59 फीसदी रक्तदान स्वेच्छिक होता है। जबकि राजधानी दिल्ली में तो स्वैच्छिक रक्तदान केवल 32 फीसदी है। दिल्ली में 53 ब्लड बैंक हैं पर फिर भी एक लाख यूनिट रक्त की कमी है। वहीं दुनिया के कई सारे देश हैं जो इस मामले में भारत को काफ़ी पीछा छोड़ देते हैं। मालूम हो हाल में राजशाही के जोखड़ से मुक्त होकर गणतंत्र बने नेपाल में कुल रक्त की ज़रूरत का 90 फीसदी स्वैच्छिक रक्तदान से पूरा होता है तो श्रीलंका में 60 फीसदी, थाईलेण्ड में 95 फीसदी, इण्डोनेशिया में 77 फीसदी और अपनी निरंकुश हुकूमत के लिए चर्चित बर्मा में 60 फीसदी हिस्सा रक्तदान से पूरा होता हैं।
प्रत्येक वर्ष 14 जून को 'विश्व रक्तदान दिवस' अथवा 'विश्व रक्त दाता दिवस' मनाया जाता है। विश्व रक्तदान दिवस 2021 में, 14 जून सोमवार के दिन मनाया गया है। हर साल यह दिवस के दिन एक विषय (थीम) रखी जाती है। विश्व रक्तदान दिवस अथवा विश्व रक्त दाता दिवस 2021 का विषय (थीम) 'रक्त दान करके दुनिया को हराते रहो' (Give Blood And Keep The World Beating) रखी गई है।
आज के समय में बहुत कम लोग जानते हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए 14 जून को ही विश्व रक्तदाता दिवस के तौर पर क्यों चुना ! दरअसल विश्व रक्तदान दिवस, शरीर विज्ञान में नोबल पुरस्कार प्राप्त कर चुके वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टाईन की याद में पूरी विश्व में मनाया जाता है। महान वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टाईन का जन्म 14 जून 1868 को हुआ था। उन्होंने मानव रक्त में उपस्थित एग्ल्युटिनिन की मौजूदगी के आधार पर रक्तकणों का ए, बी और ओ समूह की पहचान की थी। रक्त के इस वर्गीकरण ने चिकित्सा विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसी खोज के लिए महान वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टाईन को साल 1930 में नोबल पुरस्कार दिया गया था। उनकी इसी खोज से आज करोड़ों से ज्यादा रक्तदान रोजाना होते हैं और इसी के कारन लाखों की जिंदगियां बचाई जाती हैं जिससे रक्त प्राप्त करने वाले व्यक्ति को एक नयी जिंदगी और उनके परिवारों के चेहरे पर एक प्राकृतिक मुस्कुराहट देता है।
अपनी मर्जी से बिना धन लिए स्वैच्छिक रक्तदान सह जीवन को बचाना यही रक्तदान का महत्व को दर्शाता है। सुरक्षित रक्त की जरूरत हर जगह है। इलाज के दौरान अक्सर सुरक्षित रक्त महत्वपूर्ण होता है। यह जीवन को बचाने वाली चिकित्सिय जरूरतों में से एक है। सभी प्रकार की आपात स्थितियों (प्राकृतिक आपदा, दुर्घटना, सशस्त्र संघर्ष आदि) के दौरान घायलों के इलाज के लिए रक्त भी अहम है और मातृ और नवजात देखभाल में एक आवश्यक, जीवन रक्षक भूमिका है। इसी रक्त के महत्व और रक्तदान के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिए और जागरुकता के लिए विश्व रक्त दाता दिवस और रक्तदान महत्व रखता है।
हर जरुरतमंदो को रक्त सही समय पर पहुँचाना और उनकी जान बचाना ही रक्तदान का उद्देश्य है। रक्तदान के माध्यम से लोग निस्वार्थ भाव से दूसरों की मदत करना और जो व्यक्ति किसी ओर व्यक्ति की सहायता करने के लिए या फिर किसी जरूरतमंद के लिए अथवा स्वंय कर्म के लिए अपना रक्त (खून) दान करते है उन्हें प्रोत्साहित करना रक्तदान का उद्देश्य है।
विश्व रक्तदान दिवस को बेहतर तरीके से मनाने के लिए हर साल इस दिवस के दिन एक विषय यानी थीम का चयन किया जाता है जिसके माध्यम से यह दिवस को मनाया जाता है।
रक्तदान का उद्देश्य सुरक्षित रक्त उत्पादों की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना और रक्तदाताओं के सुरक्षित जीवन रक्षक रक्त के दान करने हेतु उन्हें प्रोत्साहित करते हुए आभार व्यक्त करना है। भारत विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाला देश होने के बावजूद रक्तदान में काफी पीछे है। रक्त की कमी को खत्म करने के लिए विश्व भर में रक्तदान दिवस मनाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य रक्तदान को प्रोत्साहित करना और उससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना है। जरुरतमंद व्यक्ति के लिये रक्त की जरुरत को पूरा करने हेतु विश्व रक्त दाता दिवस मनाया जाता है। ये अभियान प्रत्येक साल लाखों लोगों की जान बचाता है और रक्त प्राप्त करने वाले व्यक्ति को एक नयी जिंदगी और उनके परिवारों के चेहरे पर एक प्राकृतिक मुस्कुराहट देता है।
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