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रूपरेखा : परिचय - राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस कब मनाया जाता है - राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का इतिहास - राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस क्यों मनाया जाता है - राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस कैसे मनाया जाता है - भारत का परमाणु परीक्षण - रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन - राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का थीम (विषय) - उपसंहार।
परिचय / राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस / भारतीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस / भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस / नेशनल टेक्नोलॉजी डेराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस अंग्रेजी में "National Technology Day" कहते हैं। यह हर साल भारत में 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है। शक्ति पोखरण परमाणु परीक्षण है जो 11 मई 1998 को आयोजित किया गया था। यह दिन हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रकाश डालती है। साथ ही दिवस छात्रों को एक कैरियर विकल्प के रूप में विज्ञान को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस दिन को चिह्नित करने के लिए विभिन्न तकनीकी संस्थानों और इंजीनियरिंग कॉलेजों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन राष्ट्र गर्व के साथ अपने वैज्ञानिको की उपलब्धियों को याद करता है। इस कार्यक्रम के द्वारा विभिन्न वैज्ञानिक और तकनीकि शोध संगठन पूरे देश में जश्न मनाते हैं।
प्रत्येक वर्ष 11 मई को भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है। भारतीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2021, 11 मई मंगलवार के दिन मनाया जायेगा। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2020 की थीम "रीबूटिंग द इकॉनमी थ्रू साइंस, टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च ट्रान्सलेशन्स टाइटल्ड RESTART (Rebooting the Economy through Science, Technology and Research Translations titled RESTART)" थी। हालाँकि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2021 की थीम अभी तक निर्णय नहीं हुआ है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का इतिहास ये बताता है की वर्ष 1998 में 11 मई को पोखरण में आयोजित हुए परमाणु परीक्षण को याद रखने के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है। इस दिन ही भारत ने अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया था। यह दिन भारत के सभी नागरिकों के लिए गर्व का विषय था। यह दिन हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्व की भी प्रशंसा करता है। वर्ष 1998 में 11 और 13 मई को भारत ने राजस्थान के पोखरण में पांच परमाणु परीक्षण किए थे। प्रारंभिक पांच परीक्षण 11 मई को आयोजित किए गए थे और 13 मई को दो परीक्षणों को बनाए रखा गया था। इसीदिन को याद करते हुए हर साल भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का इतिहास ये बताता है की वर्ष 1998 में 11 मई को पोखरण में आयोजित हुए परमाणु परीक्षण को याद रखने के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है। इस दिन ही भारत ने अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया था। यह दिन भारत के सभी नागरिकों के लिए गर्व का विषय था। यह दिन हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्व की भी प्रशंसा करता है। वर्ष 1998 में 11 और 13 मई को भारत ने राजस्थान के पोखरण में पांच परमाणु परीक्षण किए थे। प्रारंभिक पांच परीक्षण 11 मई को आयोजित किए गए थे और 13 मई को दो परीक्षणों को बनाए रखा गया था। इसीदिन को याद करते हुए देश के इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और तकनीशियनों द्वारा इन अपार सफलता की उपलब्धियों के आधार पर अटल बिहारी वाजपेयी ने 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में घोषित किया और तबसे हर साल भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है।
हर साल 11 मई को विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है। यह दिन तकनीकी रचनात्मकता, वैज्ञानिक जांच और समाज, उद्योग और विज्ञान के एकीकरण में खोज का प्रतीक माना जाता है। इस महान अवसर को मनाने के लिए तकनीकी संस्थानों और इंजीनियरिंग कॉलेजों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। प्रस्तुतियां, इंटरएक्टिव सत्र, क्विज़, व्याख्यान आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। भारत के राष्ट्रपति विज्ञान के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए व्यक्तियों और कंपनियों को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कार प्रस्तुत करते हैं। प्रौद्योगिकी और विज्ञान मंत्री द्वारा देश में विज्ञान के विकास के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम व्यवस्थित करके इस दिन को मंगलमय तरीके से मनाते हैं। इस दिन छात्र आम तौर पर फार्मेसी, विज्ञान और अनुसंधान कार्य के क्षेत्रों में किए गए हाल की प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रयोगशालाओं की यात्रा करते हैं। छात्र इन संस्थानों के हालि में हुए विकास के बारे में ज्ञान प्राप्त करने के लिए अपने शिक्षकों के साथ विभिन्न कंप्यूटर प्रयोगशालाओं, नैनो-प्रौद्योगिकी और प्रौद्योगिकी विकास केंद्रों में भी जाते हैं। इसीतरह भारत के हर क्षेत्र में इस दिन विज्ञान और प्रौद्योगिकी सम्बंधित कार्यक्रम आयोजित किये जाते है।
भारत एक प्रतिभा और क्षमता से भरा देश है। प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काफ़ी आगे बढ़ने के बाद भी भारत दुनिया के कई देशों से पिछड़ा हुआ है और कड़ी मेहनत और सफलता के साथ उसे अभी बहुत-से लक्ष्य तय करने होंगे। यही कारन है कि 11 मई का दिन प्रौद्योगिकी के लिहाज से भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन 1998 में पोखरण में न सिर्फ सफलतापूर्वक परमाणु परीक्षण किया गया, बल्कि इस दिन से शुरू हुई कड़ी 13 मई तक भारत के पांच परमाणु धमाकों में तब्दील हो चुकी थी। भारत ने न सिर्फ परमाणु विस्फोट से अपनी कुशल प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया, बल्कि अपने प्रौद्योगिकी कौशल के चलते किसी को कानोंकान परमाणु परीक्षण की भनक भी नहीं लगने दी। भारत का पहला परमाणु परीक्षण 11 मई 1998 में पोखरण, राजस्थान में हुआ था। ये परिक्षण भारत ने अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया था।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन अर्थात डिफेंस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट ऑर्गैनाइज़ेशन (Defense Research and Development Organization) भारत की रक्षा से जुड़े अनुसंधान कार्यों के लिये देश की अग्रणी संस्था है। इसका मुख्यालय दिल्ली के राष्ट्रपति भवन के निकट ही, सेना भवन के सामने डी.आर.डी.ओ भवन में स्थित है। इसकी एक प्रयोगशाला महात्मा गाँधी मार्ग पर उत्तर पश्चिमी दिल्ली में स्थित है। संगठन का नेतृत्व रक्षा मंत्री, भारत सरकार, जो रक्षा मंत्रालय में सामान्य अनुसंधान और विकास के निदेशक तथा रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग (डीडीआर व डी) के सचिव भी हैं, के वैज्ञानिक सलाहकार द्वारा किया जाता है। यह संगठन भारतीय रक्षा मंत्रालय की एक आनुषांगिक ईकाई के रूप में काम करता है। इस संस्था की स्थापना 1958 में भारतीय थल सेना एवं रक्षा विज्ञान संस्थान के तकनीकी विभाग के रूप में की गयी थी। वर्तमान में संस्थान की अपनी इक्यावन प्रयोगशालाएँ हैं जो इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा उपकरण इत्यादि के क्षेत्र में अनुसंधान में रत हैं। पाँच हजार से अधिक वैज्ञानिक और पच्चीस हजार से भी अधिक तकनीकी कर्मचारी इस संस्था के संसाधन हैं अर्थात इस संस्था से जुड़े है।
हर साल राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस को और बेहतर मनाने के लिए एक विषय रखी जाती है। इस विषय यानी थीम के माध्यम से भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय देश में नवाचार और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अर्जित उपलब्धियों के उपलक्ष्य में वर्ष 1999 से प्रत्येक वर्ष 11 मई को इस दिवस का आयोजन करता है। इस अवसर पर देशभर में राष्ट्र की सेवा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सफलता का उत्सव मनाया गया। ज्ञातव्य है कि यह दिवस 11 मई को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि प्राप्त होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इतिहास के अनुसार 11 मई, 1998 को भारत ने पोखरण (राजस्थान में स्थित) में अपना दूसरा सफल परीक्षण किया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने आपरेशन ‘शक्ति’ के बाद भारत को एक पूर्णकालिक नाभिकीय देश घोषित किया था। इसने भारत में नाभिकीय क्लब में शामिल होने वाले छठे देश का दर्जा दे दिया था। इसके साथ ही स्वदेश निर्मित एयरक्राफ्ट ‘हंस 3’ ने इसी दिन परीक्षण उड़ान भरी थी। इसके अलावा इसी दिन भारत ने त्रिशूल मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस नागरिकों को प्रौद्योगिकी की आकर्षित दुनिया का पता लगाने के लिए एवं आगे बढ़ने और दुनिया में तकनीकी खोजों और वैज्ञानिक विकास के नेताओं के रूप में अपना सही स्थान पाने का एक आदर्श अवसर है। इसीलिए इस दिवस को विज्ञान और प्रौद्योगिकी संगठन द्वारा इतना महत्व दिया जाता है।
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