मेरे वर्ग का शरारती छात्र पर निबंध

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मेरे क्लास का सबसे शरारती छात्र पर निबंध - Essay on most Mischievous Student of My Class - Most Mischievous Student of My Class Essay in Hindi

रूपरेखा : प्रस्तावना - मेरे वर्ग का सबसे शरारती छात्र - छात्र का विवरण - हमारे विचार - उपसंहार।

परिचय / मेरे वर्ग का सबसे शरारती छात्र की प्रस्तावना-

विद्यालय सभी छात्र के जीवन का एक अहम काल होता है। यही समय विद्यार्थी का उत्साह का होता है जब उन्हें किसी बात की जिंता नहीं रहती है। उनका जीवन बड़ा ही सरल और नटखट-सा होता है। अपने घर में बदमाशी करना, स्कूलों में अपने मित्र के साथ खेलना, विद्यालय में पढाई को बीच में छोड़कर अपने दोस्तों के साथ घूमने जाता आदि। यही जीवन उनके लिए खुशी का जीवन होता है। इसी में से कई छात्र अपने विद्यालय के सबसे शरारती होते है।


मेरे वर्ग का सबसे शरारती छात्र / मेरे क्लास का शरारती बच्चा-

मेरे वर्ग में कई तरह के छात्र हैं। कुछ बहुत शांत और अच्छे हैं। वे कभी किसी को परेशान नहीं करते। वास्तव में, वे अच्छे छात्र हैं। शिक्षक भी उन्हें पसंद करते हैं। उनके अनेक मित्र हैं। लेकिन, कुछ छात्र बहुत शरारती हैं। वे हमेशा दूसरों को परेशान करने के बारे में सोचते रहते हैं। इसलिए कोई उन्हें पसंद नहीं करता। यही कारण है कि विद्यालय में उन्हें कोई मित्र नहीं है।


छात्र का विवरण-

राहुल मेरे वर्ग का सबसे शरारती छात्र है। यद्यपि उसका परिवार काफी संपन्न तथा सुसंस्कृत है, तथापि उसके पास शिष्टाचार बिलकुल नहीं है। वह बहुत ही अभ्रद है। वह निंदात्मक बात-व्यवहार करता है। उसके जीवन में शिष्टाचार का कोई महत्त्व नहीं है। वह कभी समय पर विद्यालय नहीं आता। उसकी पोशाक हमेशा गंदी रहती है।

वह अपना होमवर्क कभी पूरा नहीं करता। इसके लिए उसे कई बार दंडित किया जा चुका है। किंतु, वह इसकी परवाह नहीं करता। वह अपनी किताबों और कापियों के पृष्ठ (पन्ने) फाड़ देता है। उसकी लिखावट बहुत बुरी है। वह प्रत्येक विषय में कमजोर है। उसका स्कूल-बैग हमेशा गंदा रहता है। वह विद्यालय में सभी किताबें भी नहीं लाता था।

वह अपने सहपाठियों को हमेशा चिढ़ाता रहता है। वह उनके नाश्ते के डिब्बे छीन लेता है। वह छोटे-छोटे बच्चों को पीटता है। वह वर्ग में अपनी पढ़ाई पर कभी ध्यान नहीं देता। वह सभी शिक्षकों को परेशान करता है। वह किसी को सम्मान नहीं देता। सभी छात्र उससे घृणा करते हैं। उसे मित्र नहीं हैं। वर्ग में कोई उसके साथ नहीं बैठता। प्राचार्य ने कई बार उसके माता-पिता से शिकायत की है। किंतु, उस पर इसका कोई असर नहीं पड़ता। वह किसी की परवाह नहीं करता। उसे अपने भविष्य की भी परवाह नहीं है।


हमारे विचार-

राहुल को इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए। एक छात्र का कर्तव्य अच्छी तरह पढ़ाई करना होता है। उसे अच्छा आचरण सीखना चाहिए। उसे सबका सम्मान करना चाहिए। राहुल को सभी किताबें लानी चाहिए ताकि शिक्षक जो समझाए वह अच्छे से समझ पाए। उसे अपनी पढाई पर अधिक ध्यान देना चाहिए ताकि वह अपने वर्ग में अव्वल आ सके और सभी उसे सम्मानित करें। उसे अपने शिक्षक को सम्मान देना चाहिए उनकी कही हर बात माननी चाहिए।


उपसंहार-

हमलोग आशा करते हैं कि राहुल एक दिन इसे महसूस करेगा और उचित ढंग से व्यवहार करना शुरू करेगा। अगर वह अपने व्यवहार में सुधार नहीं लाएगा, तो वह अपना भविष्य बरबाद कर लेगा। हम भी एक ही वर्ग में होने के नाती उसे समझाने का प्रयत्न करेंगे की वह सुधर जाये और अपनी शरारती छोड़कर पढाई में ध्यान दें और अपने माता-पिता का नाम रोशन करें।


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