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रूपरेखा : प्रस्तावना - अपने परिवारों के साथ अनुभव - गांव की संस्कृति को जानना - गर्मी छुट्टी के दौरान किए गए सभी गतिविधियों का वर्णन - गर्मी छुट्टी की समाप्ति पर मनोभाव - उपसंहार।
परिचय | गर्मी छुट्टी की प्रस्तावना -हम वर्ष भर एक निर्धारित दिनचर्या के अंतर्गत कड़ी मेहनत करते हैं । इससे छुटकारा पाने के लिए हमें गर्मी छुट्टी की आवश्यकता महसूस होती है। अतः हम उत्सुकतापूर्वक इसकी प्रतीक्षा करते हैं। हम इसके लिए कई योजनाएँ बनाते हैं। हममें से कुछ नए स्थानों का भ्रमण करने जाते हैं। हममें से कुछ अपने संबंधियों से मिलने जाते हैं। हममें से बहुत लोग इसे अपने परिवार और मित्रों के साथ बिताते हैं। अपने घर से दूर रहनेवाले छात्र अपने माता-पिता से मिलने आते हैं।
मैं औऱ मेरे भाई में इस गर्मी की छुट्टी को अपने परिवार के साथ बिताने का फैसला किया है। वे बिहार के अंधराधाड़ी जिले के पास एक छोटे से गांव में रहते हैं। हम इस यात्रा के बारे में कुछ भी नहीं जानते थे क्योंकि हमने पहले कभी अकेले अपने गांव की यात्रा नहीं किया था और ना ही हम वहां के जीवनशैली के बारे में कुछ जानते थे। लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते गए, हम वहां के जीवन शैली में समायोजित होते गए और पूरी तरह से इसका आनंद लेने लगे।
हमारा वहा ठहरना पूरी मस्ती से भरा हुआ था। हमारे दादा जी ने हमें बताया कि कैसे हम दोनों भाई मैं और मेरी बहन अपने पिता की तरह कैसे शरारत औऱ बदमाशीया किया करते थे। फिर एक दिन दादा जी हमें घुमाने गांव के मेला में ले गए वहाँ हमने पिता जी के लिए एक सिल्क का कुर्ता और माँ के लिए एक साड़ी खरीदी। इसके बाद हम घर वापस चले आए और रात का खाना बनाने में हमने मम्मी की मदत की। अगले दिन हम अपने पिताजी और दादाजी के साथ खेत में गए और उन्होंने हमें विभिन्न कृषि तकनीकों के बारे में बताया जो की बहुत मजेदार था। हम हर दिन विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में शामिल होते थे।
हमारे गांव के घर बड़े थे और घर के बाहेर एक बड़ा-सा आँगन था। गांव के लोग भावनात्मक रूप से एक दुसरे से जुड़े हुए थे तथा एक-दूसरे के जीवन के बारे में सारी अच्छी-बुरी खबर रखते थे। एक साथ बैठकर भोजन करना, लोगों की स्थितियों और विचारों को समझना और एक जुट होकर काम करना, कुछ ऐसी छोटी-छोटी चीजें थी जो एक सुंदर और खुशहाल गांव निर्माण में अपना योगदान दे रही थी।
सुबह में जल्दी उठना और सैर पर जाना यह एक अच्छा अभ्यास है जो गांव के लोगों को स्वस्थ तथा दिनचर्या को अच्छा बनाए रखता है। इसलिए, घर के सभी लोगों को सुबह 6 बजे जागना पड़ता था। गांव में, मेरे चाचा की एक तबेला है। मै औऱ मेरा भाई दोनों ने मिलकर गांव का एक चक्कर लगाया औऱ फिर अपने चाचा के तबेला जाकर उन्हें उनका दोपहर का भोजन दिया, उसके बाद घर आकर हम लोगों ने ढ़ेर सारी बाते की औऱ भोजन किया और फिर सो गये।
गांव में शाम के समय का हम बेसबरी से इंतजार किया करते थे। एक शाम हम गांव की औरते के साथ उस कुएं तक भी गये जहां से वे पिने का पानी लाया करती थी। उनके चेहरे पर आत्मविश्वास और खुशी के साथ पानी से भरे बर्तनों को संतुलित करते तथा पंक्ति में एक साथ चलते हुए देखना एक अच्छा अनुभव था। गांव में एक बड़ा खेल का मैदान भी था जो शाम के समय में खेलने वाले बच्चों से भर जाता था। मैं गांव में एक बरगद के पेड़ के नीचे हो रही पंचायत में भी गया जहां गांव के लोगों की सहमति से गांव के बुजुर्गों द्वारा गांव के मुद्दों का समाधान किया जा रहा था। यह वह जगह है जहां मैंने लोकतंत्र का एक छोटा सा उदाहरण देखा। सचमुच गांव से सुंदर और शांत कोई स्थान नहीं होता हैं।
मेरा पिछला अवकाश बहुत आनंददायक था। यह आज भी मेरी स्मृति में है। मैं अपने घर से बहुत दूर एक छात्रावास में रहता हूँ। अतः मैं अपने माता-पिता और परिवार से मिलने गया। वे मेरे पैतृक गाँव में रहते हैं। वह एक सुंदर गाँव है। ज्योंही अवकाश शुरू हुआ, मैं वहाँ पहुँच गया। मैं अपने मित्रों में से एक मित्र को भी अपने साथ ले गया था, ताकि मैं अवकाश का अधिक आनंद ले सकूँ। मेरे माता-पिता मुझे देखकर आनंदित थे। मेरी माँ ने हमारे लिए स्वादिष्ट भोजन बनाया। मेरे पिताजी मुझे हमारे खेत दिखाने के लिए ले गए। वहाँ खेतों में लगे विभिन्न फसलों को देखकर मैं बहुत प्रसन्न हुआ। मैं अपने पुराने मित्रों से मिला। हमलोग कुछ समय साथ-साथ खेले। उसके बाद हमलोगों ने बहुत समय आम के बगीचों में बिताया। हमने बहुत स्वादिष्ट आम और जामुन खाए । मैं अपने अधिकतर संबंधियों के यहाँ मिलने गया। मैं अपनी बुआजी के गाँव गया। यह (गाँव) पहाड़ों से घिरा हुआ है। यह बहुत सुंदर स्थान है। मैं अपने मामाजी के गाँव भी गया। वे मुझे एक शानदार विवाह समारोह में ले गए। हमलोगों ने वहाँ भोज का आनंद लिया। मैं अपने दादा-दादी के साथ एक सैर पर गया। हमलोगों ने बहुत-से मंदिरों एवं धार्मिक स्थानों के दर्शन किए।
इस तरह अवकाश समाप्त हो गया। घर से प्रस्थान करने के समय मेरी माँ ने कई तरह की मिठाइयाँ बनाईं। उन्होंने मेरे तथा मेरे मित्र के लिए उन्हें पैक कर दिया। मुझे अपने परिवार को छोड़कर वापस अपने छात्रावास जाना पड़ा। मैं बहुत उदास था। मैं कुछ और दिनों के लिए अवकाश में रहना चाहता था। खैर, मैं आशा करता हूँ कि अवकाश जल्द ही लौटेगा। तब-तक मैं अपने पिछले अवकाश की यादों को हृदय में सँजोकर रखूँगा।
यह अब तक के सबसे अच्छी छुट्टियों में से एक रहा जहां मैं अपने परिवार से मिलने गया और मुझे बहुत सारी खूबसूरत चीजें और जगह देखने को मिला। मैंने अपने प्यारे परिवार के साथ बहुत अच्छा समय बिताया। मेरी आखिरी गर्मी की छुट्टी वास्तव में अब तक की सबसे अच्छी छुट्टियों में से एक रही।
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