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मेरी दादी का नाम शुभलक्ष्मी है। वे अस्सी वर्ष की हैं। उनके बाल सफेद हो गए हैं। उनके चेहरे पर झुर्रियाँ दीखने लगी हैं। वे मोटे काँच का चश्मा लगाती हैं। मेरी दादी सबसे अच्छी है।
दादी रोज सवेरे जल्दी उठती हैं। वे नहा-धोकर भगवान की पूजा करती हैं। हम सब को प्रसाद देती हैं। वे रोज सबेरे गा कर रामायण पढ़ती हैं। शाम को हमें वे अपने साथ बगीचे में टहलाने ले जाती हैं। रात में वे हमें अच्छी-अच्छी कहानियाँ सुनाती हैं।
वे अखबार के सारे समाचार पढ़ती हैं। टी.वी. पर वे धार्मिक सीरियल देखना पसंद करती हैं। सोते समय वे हम भाई-बहनों को कहानियां सुनाती है।
वे हम सबको बहुत प्यार करती है। घर में सब लोग दादी जी का बहुत आदर करते हैं।
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