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श्री विनोद शर्मा हमारी पाठशाला के मुख्याध्यापक हैं।
श्री शर्मा लगभग पचास वर्ष के हैं। वे हमेशा कोट-पैंट पहनते हैं और टाई लगाते हैं। उनकी आँखों पर हमेशा चश्मा लगा रहता है।
शर्मा साहब बहुत विद्वान हैं। वे हमेशा समय पर पाठशाला में आते हैं। वे अनुशासन का बहुत ध्यान रखते हैं। शर्मा साहब बहुत सख्त स्वभाव के हैं, पर उनका दिल मोम की तरह नरम है।
विनोद सर निरभिमानी हैं। घमंड तो उन्हें छू तक नहीं गया है। उनके चेहरे से सदा प्रसन्नता और आत्मीयता झलकती है। उनके रहन-सहन और वेशभूषा से सादगी प्रकट होती है। झूठ, लोभ, रिश्वत, ईर्ष्या आदि बुराइयों से तो वे कोसों दूर हैं। वे बहुत शांत स्वाभाव के व्यक्ति है। उनका जीवन एक आदर्श जीवन है। वे सभी छात्रों को आदर्श जीवन जीने की सलाह देते है।
शर्मा साहब हमें गणित पढ़ाते हैं। पाठशाला के सभी शिक्षक और छात्र मुख्याध्यापक जी का बहुत आदर करते हैं।
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