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जो खेती करता है, उसे किसान कहते हैं। किसान गाँव में रहता है।
किसान खेत जोतता है। वह अनाज पैदा करता है। उसी का पैदा किया हुआ अनाज हम खाते हैं।
किसान गाय, भैंस, बकरी और बैल पालता है। गाय, भैंस और बकरी दूध देती हैं। बैल हल और गाड़ी खींचते हैं। किसानों के कार्य, खेती के गुण, उनके समर्पण की भावना उन्हें समाज का एक सम्माननीय व्यक्ति बनाते हैं। खेतों से जो भी उन्हें प्राप्त होता है उसे ही बेचकर वो साल भर अपना और अपने परिवार का गुजरा करते है और उसी में वो खुश और संतुष्ट रहते हैं।
किसान बहुत परिश्रमी होते हैं । वे खेतों में जी-तोड़ श्रम करते हैं । वे मेहनत करके अनाज, फल और सब्जियाँ उगाते हैं । खेतों में फसल उगाने के लिए अच्छी तरह जुते हुए खेतों में बीज डाला जाता है । बीजों में अंकुर निकल आता है और धीरे-धीरे ये पौधे का रूप ले लेते हैं । पौधों की सिंचाई की जाती है । पौधों के बीच उग आए खर-पतवार निकालकर खेतों में खाद डाला जाता है । आवश्यकता पड़ने पर किसान कीटनाशकों का प्रयोग भी करते हैं । लहलहाती फसलों को देखकर किसान प्रसन्न हो उठते हैं । वे फसलों की लगातार निगरानी करते हैं । फसलों को पशुओं और चोरों से सुरक्षित रखने के लिए वे खेतों में मचान बनाकर वहीं सोते हैं ।
'किसान' कठोर परिश्रम, त्याग और तपस्वी जीवन का दूसरा नाम है। किसान धरती का बेटा है। वह हमारा अन्नदाता है।
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