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रुपरेखा : परिचय - लॉकडाउन करने का कारन - लॉकडाउन का प्रभाव - लॉकडाउन के फायदे - लॉकडाउन के नुकसान - निष्कर्ष।
परिचयकिसी देश में लॉकडाउन करना अर्थात उस देश में आपातकाल में उठाया गया कदम होता है। जो की उस देश के नागरिक को सुरक्षित करने हेतु लॉकडाउन किया जाता है। कोरोना वायरस नामक महामारी के चलते भारत देश तथा पुरे विश्व में लॉकडाउन जैसे कदम उठाये गए। यह कदम लोगों को एक दूसरे से दुरी बनाने तथा सुरक्षित रहने हेतु उठाये गए है। किसी देश, राज्य तथा शहर में लॉकडाउन लागू होते ही आप कही बाहर नहीं जा सकते। आपको लॉकडाउन समाप्त होने तक घर में ही रहने की सलाह दी जाती है। यदि लॉकडाउन बड़े स्तर पर लगा दी जाए तो वो कर्फ्यू कहलाता है।
लॉकडाउन करने का कारनकोरोना महामारी के चलते विश्व में कई देशो के सरकार ने लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया। जिसके चलते लोग न एक शहर से दूसरे शहर जा सकते है, न एक राज्य से दूसरे राज्य जा सकते है, न एक देश से दूसरे देश जा सकते है। यह लॉक डाउन सरकार ने देश की जनता के सुरक्षा हेतु लगाया गया है। देश में कोरोना की महामारी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जिसे देख लोगों की सुरक्षा का विचार कर सरकार ने देश में लॉकडाउन लगाने का निर्णय किया। कोरोना महामारी के चलते कई लाखों लोगों की मृत्यु हो गयी है। यह महामारी की शुरुवात चीन के वुहान शहर में हुए थी। उसके बाद धीरे-धीरे पुरे विश्व भर में ये वायरस ने दस्तक दे दी जिसके चलते आज विश्व भर में यह वायरस का प्रकोप दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है। लॉकडाउन की परिस्थिति में सभी प्रकार के वाहन, ट्रेन, मेट्रो तथा हवाई जहाज बंद कर दिये गए। सभी कंपनी, फैक्ट्री, दुकाने, आदि का बंद करने का आदेश रहता हैं । लोगों को घर में रहने की हिदायत दी जाती है।
लॉकडाउन का प्रभावकोरोना महामारी के चलते कई देशो के सरकार ने लॉकडाउन का आदेश दिए। जिसके चलते लॉकडाउन का प्रभाव पुरे देश में पड़ा। क्यूंकि इस तरह का निर्णय किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को बिगाड़ देता है। जब देश में कार्य होते है तथा कंपनी, फैक्ट्री, व्वयसाय चलते है तभी देश की उनत्ति होती है। लेकिन जब महामारी के चलते देश में लॉकडाउन लग जाए और पुरे देश एक साथ बंद हो जाए तो देश का विकास और उनत्ति रुक जायेगा। जिसके चलते देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ जाती है और देश को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। लॉकडाउन का प्रभाव से देश के जी.डी.पी., विकास दर, सब में गिरावट आ जाती है जिससे देश को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। हम दूसरे देशों की मुकाबले कई वर्ष उनसे पीछे चले जाते है जिससे पूरी तरह देश में विकास और उनत्ति कम हो जाते हैं। लेकिन कहते है न & प्राण से बढ़कर कुछ नहीं होता है जीवन में; इसीलिए हमें इस महामारी से बचने के लिए सरकार के उठाये गए इस कदम को सम्मान करना होगा तथा उसका सही तरीके से पालन करना होगा।
लॉकडाउन के फायदेदेश में लॉकडाउन कोरोना महामारी से बचने के लिए एक मात्र उपाय है, जो सरकार ने पुरे देश में लागू कर दिया है। क्यूंकि कोरोना एक ऐसी महामारी है जो एक दूसरे मनुष्य में तेजी से फैलता है। लॉक डाउन का निर्णय से कई फायदे हुए है जैसे सबसे प्रथम फायदा यह है की जब मनुष्य एक दूसरे से मिलेंगे नहीं तो वे कोरोना संक्रमित होंगे नहीं जिससे देश में कोरोना संक्रमित की संख्या काम हो जाएगी। लॉकडाउन के चलते पुरे देश में बंदी का एलान हो जाता है जिससे वाहनों की आवा-जाहि भी बंद हो जाती है। इससे देश में प्रदुषण का दर घट गया है तथा देश के वातावरण में बड़ी सुधार आयी है। शुद्ध हवा तथा शुद्ध वातावरण मनुष्य को लम्बी आयु प्रदान करती है। वही लॉकडाउन का सबसे बड़ा फायदा यह है की लोगों को अपने परिवारों के साथ वक़्त बिताने का सुनहरा मौका मिला तथा वह अपने परिवारों का अच्छी तरह से ख्याल भी रख पाएंगे। कई माताओं-पिताओं को डर लगा रहता है की उनका बेटा/बेटी बाहर सुरक्षित होंगे या नहीं वे लोग निडरता के साथ घर में रह सकेंगे। लोगों के मनोरंजन को ध्यान रखते हुए सरकार ने रामायण एवं महाभारत जैसे पौराणिक सीरियल का प्रसारण दूरदर्शन पर कराया ताकि लोग घर पर सुरक्षित रहकर अपने परिवारों के साथ मनोरंजन का आनंद ले सके। कई लोग लॉकडाउन को क्वॉरेंटाइन भी कहते है। लोग अपने घरों में क्वॉरेंटाइन रहकर कोरोना महामारी को फैलने से रोकते है।
लॉकडाउन के नुकसानजहाँ लॉकडाउन के चलते इतने फायदे हुए है वही कई लोगों को लॉक डाउन के चलते भारी नुकसान झेलना पड़ा। सबसे ज्यादा नुकसान देश के उन मजदूरों का हुआ जो अपने घरों से दूर किसी दूसरे राज्य में काम करने जाते है। रोजमर्रा के काम से जो मजदुर भाई अपना घर चलाते है उनके लिए लॉकडाउन से घर में अन्य का दाना नसीब नहीं हुआ । आज उनके लिए एक वक्त की रोटी का इंतिजाम करना बहुत मुश्किल हो गया । कई परिवार कितने दिनों तक भूखे पेट रहकर अपना गुजारा किया। लॉक डाउन में यदि किसी का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ वह मजदुर भाई है। जिनका घर रोज के कमाई से चलता है। दूसरी और लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। कंपनी तथा फैक्ट्री बंद होने के कारन से देश के जी.डी.पी., विकास दर, सब में गिरावट आ गयी। कई लोगों की नौकरी चले गयी जिसके चलते देश में बेरोजगारी बढ़ गयी। अर्थव्यवस्था गिरने के कारन देश आर्थिक रूप से कमजोर हो गया।
निष्कर्षकोरोना महामारी के चलते देश को बहुत नुकसान का सामना करना पड़ा तथा देश की अर्थव्यवस्था गिरने के कारन देश आर्थिक रूप से कमजोर हो गया। इस महामारी से निकलने का एक ही उपाय है वह है लॉकडाउन का नियमित रूप से पालन करना। देश में सरकार के उठाय गए कदम को सही से पालन करे तथा कोरोना महामारी से लड़ने में देश को अपना सहयोग प्रदान करें। कोरोना प्रकोप को रोकने के लिए यही एक मात्र उपाय है।
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